गीली बाती
Wednesday, 2 March 2011
मुक्तक
कविता कर्म है अधिकार नही
कविता धर्म है व्यापार नही
कविता तत्व है सम्भार नही
कविता स्वत्व है संसार नही
................................ ओमशंकर
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